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डीवाई चंद्रचूड़ ने खोला अपनी निजी जिंदगी का राज, लॉ से पहले इस पेशे से था वास्ता

 

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी पर्सनल लाइफ का एक और राज खोला है। एक हालिया इंटरव्यू में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो की खूबसूरत यादें ताजा कीं।


चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने अपनी पर्सनल लाइफ का एक और राज खोला है। एक हालिया इंटरव्यू में उन्होंने ऑल इंडिया रेडियो की खूबसूरत यादें ताजा कीं। इस दौरान उन्होंने उस वक्त के कुछ मशहूर ब्रॉडकास्टर्स और उनकी शानदार आवाजों के बारे में बात की। आकाशवाणी के साथ चंद्रचूड़ की यात्रा उनके प्रारंभिक वर्षों में शुरू हुई। तब वह अपने माता-पिता के साथ हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में समाचार बुलेटिन सुनते थे। डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि वह आकाशवाणी के उस दौर के प्रजेंटर्स के हमेशा के लिए फैन हो गए।


इंटरव्यू के दौरान डीवाई चंद्रचूड़ ने कुछ खास लोगों की आवाज को याद किया। उन्होंने बताया कि वह कैसे देवकीनंदन पांडेय के अंदाज से प्रभावित थे। सीजेआई ने बताया कि वह जिस तरह से बोलते थे, ‘ये आकाशवाणी है। अब आप समाचार सुनिए देवकीनंदन पांडेय से’, बहुत ही शानदार था। उन्होंने कहाकि इस अंदाज ने उनके बचपन पर काफी असर डाला। इसके अलावा उन्होंने कई मशहूर प्रजेंटर्स, पामेला सिंह और लोतिका रत्नम का भी नाम लिया, जो खास अंदाज में बोलती थीं, ‘दिस इज ऑल इंडिया रेडियो, द न्यूज रेड बाय लोतिका रत्नम।’


साल 1975 में दिल्ली आने के बाद सीजेआई ने आकाशवाणी में ऑडिशन दिया। यहां पर उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रोग्राम करने शुरू किए। सीजेआई के मुताबिक मुझे आज भी अपना प्रोग्राम याद आता है। उन्होंने बताया कि वह आकाशवाणी के लिए वेस्टर्न म्यूजिक पर प्रोग्राम करते थे। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि अपनी मां के चलते बचपन में ही उनका ऑल इंडिया रेडियो से जुड़ाव हो गया था।


सीजेआई की मां एक क्लासिकल म्यूजिशियन थीं, जो रिकॉर्डिंग के दौरान उन्हें लेकर ऑल इंडिया रेडियो के विभिन्न स्टूडियोज में लेकर जाया करती थीं। तब उनकी स्कूली शिक्षा के शुरुआती दिन थे। इस तरह वह मुंबई के कई स्टूडियोज से परिचित हो चुके थे और ब्रॉडकास्टिंग में उनकी रुचि यहीं से पैदा हुई।

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